The hanuman chalisa Diaries
The hanuman chalisa Diaries
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भावार्थ – अपने तेज [शक्ति, पराक्रम, प्रभाव, पौरुष और बल] – के वेग को स्वयं आप ही सँभाल सकते हैं। आपके एक हुंकारमात्र से तीनों लोक काँप उठते हैं।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥ बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार ।
chhūtahi ChhūtahiFreed / removed bandiBandiShackles / bondage mahāsukha MahāsukhaGreat pleasure / bliss HoiHoiBe / is Indicating: He who recites this a hundred periods, he might be produced/Minimize from bondage of ache & sufferings and he will get Excellent happniness/blissfulness.
आपका अनुग्रह न होने पर सुगम कार्य भी दुर्गम प्रतीत होता है, परंतु सरल साधन से जीव पर श्री हनुमान जी की कृपा शीघ्र हो जाती है।
PavanatanayaPavanatanayaSon of wind god, Lord Hanuman sankataSankataTrouble / sorrow haranaHaranaRemover / banish mangalaMangalaAuspicious / blessing / Pleasure mūrati MūratiStatue / embodiment rūpaRūpaForm
[Maha=great;Beera=Courageous; Vikram=great deeds; bajra=diamond; ang=body pieces; kumati=negative intellect; nivara=remedy, thoroughly clean, destroy; sumati=good intelligence; ke=of; sangi=companion ]
श्री हनुमान जी की महिमा अनिर्वचनीय है। अतः वाणी के द्वारा उसका वर्णन करना सम्भव नहीं।
SankataSankataTrouble / difficulty kataiKataiCut shorter / close mitaiMitaiRemoved sabaSabaAll pīrāPīrāPains / problems / sufferings
बिकट रूप धरि लङ्क जरावा ॥९॥ भीम रूप धरि असुर सँहारे ।
Some time just after this event, Hanuman begins making use of his supernatural powers on innocent bystanders as basic pranks, until finally at some point he pranks a meditating sage.
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२॥ सहस बदन तुह्मारो जस गावैं ।
व्याख्या – संसार में मनुष्य के लिये चार पुरुषार्थ हैं – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। भगवान के दरबार में बड़ी भीड़ न हो इसके लिये भक्तों के तीन पुरुषार्थ को हनुमान जी द्वार पर ही पूरा कर देते हैं। check here अन्तिम पुरुषार्थ मोक्ष की प्राप्ति के अधिकारी श्री हनुमन्तलाल जी की अनुमति से भगवान के सान्निध्य पाते हैं।
बालाजी आरती
Owning polished the mirror of my heart Using the dust of my Expert’s lotus toes, I recite the divine fame of the greatest king of Raghukul dynasty, which bestows us with the fruit of each of the 4 initiatives.